चेतना में वृद्धि : Abundance Consciousness

अभिवृद्धि की चेतना

हम अक्सर सुनते हैं कि “परिस्थिति ही सब कुछ है” लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि खुशहाली और सफलता बाहरी दुनिया से कहीं ज्यादा हमारे अंदर के विश्वास से जुड़ी है?

बहुतायत चेतना (Abundance Consciousness) इसी विश्वास को जगाने का एक शक्तिशाली तरीका है। यह वह भावना है जहां हम मानते हैं कि ब्रह्मांड हमारे लिये असीम संभावनाओं और खुशियों से भरा हुआ है और हम इनको प्राप्त करने के लिये योग्य हैं।

हमारे जीवन को सुचारु रूप से चलाने के प्रयासों के बावजूद, अप्रत्याशित चुनौतियाँ अक्सर उत्पन्न होती हैं, जिससे नाराजगी, दर्द और आघात होता है। हालांकि हमारे पास अपने बाह्य परिस्थितियों पर सीमित नियंत्रण हो सकता है, हमारे आंतरिक प्रतिक्रियाओं पर असीमित नियंत्रण होता है।

ऐसे परिस्थितियों में शांति और स्थिरता प्राप्त करने के लिए हमारी आंतरिक चेतना और प्रतिक्रिया में पोषण करने पर निर्भर करता है।आप अपनी सोच में बदलाव लाकर और कुछ सरल अभ्यासों को अपनाकर बहुतायत चेतना का विकास कर सकते हैं:

  • ज्ञान की गंगा में स्नान करें (Reading and listening to wisdom content): सफल लोगों की कहानियां पढ़ें, प्रेरणादायक वार्ता सुनें और सकारात्मक पुस्तकें पढ़ें। यह आपकी सोच को सकारात्मक दिशा देगा और आपको विश्वास दिलाएगा कि आप भी सफल हो सकते हैं।
  • ध्यान की शक्ति (Meditation): ध्यान आपको वर्तमान क्षण में लाने और आंतरिक शांति पाने में मदद करता है। शांतचित्त होकर आप स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं और अपने लक्ष्यों को पाने की रणनीति बना सकते हैं।
  • कृतज्ञता का भाव (Gratitude): हर रोज उन चीजों के लिये शुक्रगुज़ार करें जो आपके पास हैं, चाहे वे कितनी भी छोटी हों। कृतज्ञता का भाव ब्रह्मांड को यह संदेश देता है कि आपके जीवन में पहले से ही बहुत कुछ अच्छा है और आप और अधिक खुशियों को आकर्षित करने के लिये तैयार हैं।
  • आत्मचिंतन की डायरी (Journaling): अपनी भावनाओं और विचारों को लिखना आपको अपनी विचारधारा को समझने में मदद करता है। आप अपनी सफलताओं को लिखकर उनका जश्न मना सकते हैं और अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से लिखकर उन्हें पाने की प्रेरणा पा सकते हैं।
  • आध्यात्मिक मार्गदर्शन (Seeking spiritual guidance and support): योग गुरु, धार्मिक गुरु या किसी ऐसे व्यक्ति से मार्गदर्शन लें जिसका जीवन आपको प्रेरणा देता है। उनसे मिलकर आप जीवन के सार को समझ सकते हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।
  • प्रार्थना की शक्ति (Prayer): प्रार्थना आत्मसमर्पण और विश्वास का एक रूप है। ईश्वर से या ब्रह्मांड से जो आप चाहते हैं उसे मांगें और यह विश्वास रखें कि वह आपके लिये सर्वश्रेष्ठ लाएगा।
  • दूसरों की सेवा (Serving others): दूसरों की मदद करने से न केवल उन्हें खुशी मिलती है बल्कि आपको भी आत्मसंतुष्टि का भाव मिलता है। यह ब्रह्मांड को यह संदेश देता है कि आप खुशियां बांटने में विश्वास रखते हैं और बदले में ब्रह्मांड भी आप पर कृपा बरसाएगा।

बहुतायत चेतना को अपनाकर आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यह अभ्यासों का एक क्रम है जिन्हें नियमित रूप से अपनाने से आप हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

सारांश में अभिवृद्धि की चेतना को हम निम्नलिखित तरीकों से विकसित कर सकते हैं:

  1. ज्ञान सामग्री को पढ़ना और सुनना: ज्ञान से भरपूर सामग्री को पढ़ने और सुनने से आपकी चेतना में वृद्धि हो सकती है।
  2. ध्यान: ध्यान करने से आप अपनी मानसिकता को शांति और स्थिरता प्रदान कर सकते हैं।
  3. कृतज्ञता: कृतज्ञता अपने जीवन में धन और खुशी की शक्ति को बढ़ाने और खुशी को प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली और व्यापक उपाय है।
  4. जर्नलिंग: अपने विचारों, अनुभवों और आत्म-समीक्षा को जर्नलिंग के माध्यम से लिखने से आपकी चेतना में वृद्धि हो सकती है।
  5. आध्यात्मिक मार्गदर्शन और समर्थन की खोज: आध्यात्मिक मार्गदर्शन और समर्थन की खोज करने से आप अपनी चेतना को विकसित कर सकते हैं।
  6. प्रार्थना: प्रार्थना करने से आप अपने आंतरिक शक्तियों को जागृत कर सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं।
  7. दूसरों की सेवा: दूसरों की सेवा करने से आपकी चेतना में उदारता और सहानुभूति की भावना विकसित हो सकती है।

याद रखें कि यह एक अद्भुत अनुभव है और आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकता है।

Reference : Guru Gopal Das Video